टेढ़ी बात में सभी सीधे लोगों का स्वागत है यानी जो खरी-खरी कह सकें और सुन भी सकें। समझें और आगे समझा भी सकें। यहाँ आपको नियमित ऐसा ही कुछ मिलेगा। जो भी मिले, उसपर फ़िर कुछ खरा-खरा हो जाए। कुछ आपके पास हो तो वो भी ले आइये, वरना जो मेरे पास है वो तो यहाँ होगा ही।
टेढ़ी बात में सीधे लोगों का कुनबा बढ़े इसी शुभकामना के साथ भविष्य में मिलना जुलना होता रहेगा।
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आज इतना ही....
Tuesday, April 21, 2009
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